जयपुर, 8 सितम्बर , राजस्थान विश्वविद्यालय के आर.ए. पोद्दार प्रबंधन संस्थान में “राष्ट्र निर्माण में साहसिक नेतृत्व की भूमिका” विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। इस अवसर पर , बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. अनिल खंडेलवाल तथा भारतीय विदेश सेवा (IFS) के पूर्व अधिकारी एवं भारत के राजदूत श्री गौरीशंकर गुप्ता, ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में 200 से अधिक विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी की।
सेमिनार की शुरुआत संस्थान के डीन एवं निदेशक प्रो. अनुराग शर्मा द्वारा अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान के साथ हुई। अपने संबोधन में प्रो. शर्मा ने नेतृत्व के मूल्यों और नैतिकताओं के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऐसे संवाद विद्यार्थियों को नेतृत्व, निर्णय-निर्माण और व्यक्तित्व विकास के व्यावहारिक अनुभव प्रदान करते हैं। साथ ही, उन्होंने वक्ताओं का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने अपने बहुमूल्य अनुभव विद्यार्थियों के साथ साझा किए।
डॉ. खंडेलवाल ने अपने मुख्य भाषण में चुनौतियों को स्वीकारने और आत्मविश्वास बनाए रखने के महत्व पर बल दिया। उनके अनुसार, नेतृत्व केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवीय संबंधों, संगठनात्मक संस्कृति और विश्वास, विश्वसनीयता तथा ब्रांड मूल्य जैसी अमूर्त शक्तियों पर आधारित है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपनी सुविधा-सीमा (comfort zone) से बाहर निकलें और चुनौतियों को विकास के अवसर मानें। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि व्यक्तियों और संस्थानों का निर्माण प्रणालियों और प्रक्रियाओं से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
श्री गौरीशंकर गुप्ता ने कहा कि भारतीय प्रतिभा को वैश्विक स्तर पर बुद्धिमत्ता और रचनात्मकता के लिए सराहा जाता है, लेकिन अनुशासन की कमी अक्सर उसकी पूर्ण क्षमता को सीमित कर देती है। उन्होंने विद्यार्थियों से अनुशासन और आत्म-प्रेरणा को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने नेतृत्व के पाँच मूलभूत सिद्धांत बताए — दृष्टि, योजना एवं संगठन, अधिकार का हस्तांतरण , पर्यवेक्षण और धैर्य। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारतीय मूल के अनेक नेता आज विश्व की बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं और इन मूल्यों ने ही उन्हें सफलता दिलाई है।
सेमिनार उत्साहपूर्ण छात्र सहभागिता, सार्थक संवाद और प्रेरणादायी विचारों के साथ संपन्न हुआ, जिसने सभी प्रतिभागियों को समृद्ध अनुभव प्रदान किया।


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