जयपुर।अधिवक्ता परिषद राजस्थान, जयपुर प्रांत का 34वां स्थापना दिवस शनिवार को फागी इकाई स्थित न्यायालय परिसर में उत्साहपूर्ण ढंग से मनाया गया।
अधिवक्ताओं ने समाज के मौलिक अधिकारों और न्याय तक आसान पहुंच के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान विशेष जोर इस बात पर दिया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों तथा समाज के कमजोर वर्ग के लोग आर्थिक या सूचना के अभाव में न्याय से वंचित रह जाते हैं। इसी संदर्भ में सर्वसम्मति से यह महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि चकवाड़ा में नि:शुल्क न्यायिक परामर्श एवं विधिक शिविर का आयोजन किया जाएगा।
शिविर में अनुभवी अधिवक्ता न केवल विधिक समस्याओं पर लोगों को मार्गदर्शन देंगे बल्कि आमजन को उनके संवैधानिक अधिकारों और उपलब्ध कानूनी उपायों की भी जानकारी देंगे। परिषद की योजना है कि इस प्रकार के शिविरों के माध्यम से पंचायत स्तर तक विधिक जागरूकता को फैलाया जाए ताकि ग्रामीण जनता को न्यायिक व्यवस्था के प्रति विश्वास व सहयोग मिले। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि अधिवक्ता समाज का नेतृत्वकारी वर्ग है और उसका दायित्व केवल न्यायालय तक सीमित ना रहकर जनमानस तक भी है। परिषद ने यह भी तय किया कि आगामी वर्षों में विभिन्न तहसीलों और कस्बों में इस तरह के विधिक शिविर नियमित अंतराल पर आयोजित किए जाएँगे। शिविर की तिथि और विस्तृत कार्यक्रम जल्द ही घोषित किया जाएगा। परिषद आशा करती है कि इस पहल से चकवाड़ा तथा आसपास के गाँवों के सैकड़ों लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे तथा समाज में “न्याय सबके लिए सहज और सुलभ”का संदेश प्रसारित होगा।
कार्यक्रम में परिषद के अध्यक्ष प्यारेलाल, महामंत्री अभिषेक सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णकुमार लखेरा, इकाई अध्यक्ष रमेशचंद शर्मा, महामंत्री संजीव पारीक, कार्यालय मंत्री विष्णुकुमार शर्मा, सदस्य सीताराम जाट, रमेशचंद पारीक, अनुपम शर्मा सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।

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