120 बहादुर" मूवी सिर्फ एक नायक की कहानी नहीं, पूरे 120 सैनिकों के बलिदान की दास्तां
जयपुर, 11 अगस्त।बॉलीवुड में फरहान अख्तर 120 बहादुर मूवी बना रहे हैं, जो सबके लिए खुशी की बात है। जिस वॉर पर मूवी बन रही है, उसमें अहिर सैनिकों का भी अहम योगदान था, जिसे सही तरीके से नहीं दिखाया जा रहा है। हम चाहते हैं कि रेजांग ला के 114 शहीद अहिर सैनिकों को भी बराबर का सम्मान दिया जाएग। यह कहना था महासचिव, अखिल भारतीय यादव महासभा (दिल्ली राज्य) दिनेश यादव का, जो 120 बहादुर मूवी में अहिरों को सम्माान देने की बात कर रहे थे। इस मौके पर यादव समाज के अन्य पदाधिकारी और लोग भी उपस्थित हुए और सभी ने मूवी में अहिर सैनिकों के बलिदान को बराबर का हक देने की बात कही।
गौरतलब है कि अखिल भारतीय यादव महासभा (दिल्ली राज्य) ने रेजांग ला युद्ध (18 नवम्बर 1962) में शहीद हुए अहिर (यादव) सैनिकों के वंशजों व परिजनों ने बॉलीवुड एक्टर-प्रोड्यूसर फरहान अख्तर की फिल्म “120 बहादुर” में ऐतिहासिक तथ्यों का सम्मानपूर्वक और सटीक चित्रण सुनिश्चित करने की मांग की। इस मौके पर अध्यक्ष, राजस्थान यादव महासभा डॉ. करण सिंह यादव, राष्ट्रीय महासचिव, अखिल भारतीय यादव महासभा दिनेश यादव, कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान यादव महासभा महेंद्र यादव, कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान यादव महासभा हरसहाय यादव, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान युवा यादव महासभा मदन यादव, सदस्य, राजस्थान यादव महासभा मंजू यादव, अध्यक्ष, महिला विंग, राजस्थान यादव महासभा चंचल यादव, महासचिव, महिला विंग, राजस्थान यादव महासभा मधु यादव आदि मौजूद रहे।
शौर्य को सलाम, लेकिन मिले बराबर का सम्मान:
महासभा अध्यक्ष करण सिंह यादव और महेंद्र यादव ने बताया कि रेजांग ला की लड़ाई भारतीय सैन्य इतिहास में साहस की मिसाल है, जिसमें 13 कुमाऊं रेजिमेंट (चार्ली कंपनी) के 120 में से 114 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए। इनमें 95% से अधिक अहिर (यादव) समुदाय से थे, जो मुख्य रूप से हरियाणा के रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़ और आस-पास के क्षेत्रों से थे।
उन्होंने कहा कि हम मेजर शैतान सिंह भाटी के शौर्य को सलाम करते हैं, लेकिन कहानी केवल एक नायक की नहीं, बल्कि उन सभी 120 बहादुरों की है, जिन्होंने अंतिम सांस तक मोर्चा संभाला। यह सामूहिक बलिदान है और इसे फिल्म में बराबर सम्मान मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मूवी की कथा में अहिर (यादव) सैनिकों की भूमिका और योगदान का सही चित्रण हो। साथ ही सभी 114 शहीदों के पूरे नाम, उपनाम और गृह राज्य का उल्लेख मूवी में किया जाए और शहीद परिवारों और सामुदायिक प्रतिनिधियों के लिए स्क्रीनिंग कराई जाए। दूसरी और उन्होंने कहा कि फिल्म की शुरूआत या अंत में श्रद्धांजलि हो, जिसमें शहीदों का नाम और योगदान दर्ज हो।
फिल्म से शौर्य गाथा आए दुनिया के सामने:
कार्यकारी अध्यक्ष हरसहाय यादव और प्रदेश अध्यक्ष युवा यादव महासभा मदन यादव ने कहा कि यदि फिल्म में सामुदायिक योगदान की अनदेखी या गलत चित्रण किया गया तो यह ऐतिहासिक विकृति, सामुदायिक मानहानि और शहीदों की गरिमा का उल्लंघन होगा, जिसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। न्यायालय में याचिका और हर्जाने की मांग शामिल है। दिनेश यादव ने कहा कि हमारे सैनिक परिवार ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं। उन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया, लेकिन उन्हें वह पहचान और सम्मान नहीं मिला जिसके वे हकदार हैं। हम चाहते हैं कि फिल्म से उनकी शौर्य गाथा को दुनिया के सामने लाए।
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