जयपुर ।विश्व हिन्दू परिषद, गोरक्षा विभाग की तीन दिवसीय अखिल भारतीय बैठक के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्री गुरु प्रसाद जी (अध्यक्ष – भारतीय गोवंश रक्षण एवं संवर्धन परिषद) ने कहा की “भारत की सनातन संस्कृति का मूल आधार हमारा गोवंश है। भारतीय गाय केवल पशु नहीं, अपितु ‘माता’ के रूप में पूजनीय है। गोवंश का संरक्षण केवल धार्मिक आस्था का विषय नहीं, बल्कि यह भारत के स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और संस्कृति की सुरक्षा से जुड़ा राष्ट्रीय दायित्व है।”
उन्होंने कहा कि आज गोमाता सड़कों पर पॉलिथीन खाकर दर्दनाक मृत्यु को प्राप्त हो रही है, जो समाज और शासन दोनों के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
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बैठक में उपस्थित संत समाज, कृषक, गोभक्त और गोरक्षकजनों ने एकमत से यह प्रस्ताव पारित किया कि सरकार व समाज मिलकर गोवंश की रक्षा हेतु ठोस कदम उठाएँ, ताकि भारत की संस्कृति, स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था की रक्षा सुनिश्चित हो सके।
बैठक में गाय को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने, गोपाष्टमी को राष्ट्रीय पर्व का दर्जा देने, गोहत्या रोकने हेतु कठोर केंद्रीय कानून बनाने, गोचर भूमि मुक्त कराने, गौ-अभयारण्य स्थापित करने और गोवंश आधारित अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय नीति में शामिल करने की मांग की गई।
साथ ही समाज से दैनिक जीवन में पंचगव्य और गोउत्पादों का उपयोग बढ़ाने, गोसेवा को जीवन का अंग बनाने, तथा ग्रामीण रोजगार और स्वदेशी उद्योगों को गोवंश आधारित मॉडल से जोड़ने का आह्वान किया गया।
अखिल भारतीय बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि गोवंश संरक्षण धार्मिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय कर्तव्य है। इस दिशा में सरकार, समाज और प्रत्येक नागरिक की संयुक्त भूमिका ही भारत के स्वास्थ्य, पर्यावरण और संस्कृति की स्थायी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है।

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