जयपुर। समाज सेवा, एकता और धार्मिक परंपराओं के संरक्षण की दिशा में ब्राह्मण समाज एक और ऐतिहासिक आयोजन करने जा रहा है। आगामी 1 नवंबर 2025, शनिवार को ब्राह्मण ग्वांर (जयपुर) में एक भव्य सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें समाज के 11 नवयुगल जोड़े वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह बंधन में बंधेंगे। यह आयोजन सामाजिक समरसता, परंपरा और संस्कृति का एक अद्वितीय उदाहरण बनने जा रहा है।
समाज एकता का अनोखा पर्व
ब्राह्मण समाज सदैव से ज्ञान, संस्कार और धर्म की भावना का प्रतीक रहा है। सामूहिक विवाह सम्मेलन का उद्देश्य समाज के कमजोर आर्थिक वर्गों की सहायता करना, दिखावे की प्रवृत्ति को समाप्त करना और सामूहिकता की भावना को मजबूत करना है। आयोजन समिति ने बताया कि इस बार सम्मेलन में समाज के हर वर्ग से सहयोग प्राप्त हो रहा है। समाज के वरिष्ठजन, भामाशाह, शिक्षाविद, युवजन मंडल और महिला मंडल—सभी इस धार्मिक आयोजन की तैयारी में जुटे हुए हैं।
प्रमुख मुख्य अतिथि — डॉ. आचार्य राजानन्द शास्त्री
इस आयोजन के प्रमुख आकर्षण रहेंगे समाज के शिरोमणि, विद्वान, मार्गदर्शक एवं सनातन धर्म प्रेमी. आचार्य राजानन्द शास्त्री (डॉ. हरिश गौतम शास्त्री),जो अध्यक्ष, श्री रामलला अयोध्या जी सेवा समिति, अयोध्या धाम हैं।डॉ. शास्त्री जी अपनी ओजस्वी वाणी, वेदज्ञान और धर्मपरायण जीवनशैली के लिए जाने जाते हैं। वे देशभर में समाज जागरण, संस्कार शिक्षा और धर्म प्रचार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। इस अवसर पर वे सभी 11 नवयुगल जोड़ों को अपने पावन आशीर्वाद से अनुग्रहित करेंगे।
इसके साथ ही समाज के अन्य प्रमुख संत-महात्मा, विद्वान, गणमान्य नागरिक और समाजसेवी भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। आयोजन समिति का कहना है कि यह सम्मेलन समाज के लिए “धर्म और एकता का उत्सव” साबित होगा।
विवाह सम्मेलन की तैयारी चरम पर
सामूहिक विवाह सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर हैं। आयोजन स्थल ब्राह्मण ग्वांर (जयपुर) को सजाने-संवारने का कार्य तेज़ी से चल रहा है। मंडप, तोरण द्वार, स्वागत कक्ष और भंडार स्थल को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है।सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन-संध्या, कन्या-वरों का पूजन, आशीर्वाद समारोह, और प्रसादी वितरण जैसे विविध कार्यक्रम पूरे दिन चलेंगे।स्थानीय युवा ब्राह्मण संगठन ने व्यवस्थाओं की ज़िम्मेदारी संभाली है, जबकि महिला मंडल कन्याओं की साज-सज्जा एवं पूजन सामग्री का संचालन कर रहा है।
समाज की महान विभूतियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में उपस्थित रहने वाले अन्य विशिष्ट अतिथियों में समाज के अनेक प्रमुख भामाशाह, शिक्षाविद, और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे, जिन्होंने अपने योगदान से समाज उत्थान में अग्रणी भूमिका निभाई है।
समाज के वरिष्ठ सदस्य श्री महर्षि गौतम जी भी इस कार्यक्रम के प्रमुख मुख्य अतिथि के रूप में पधारेंगे। उनके सान्निध्य और सादगीपूर्ण जीवन से समाज के लोग प्रेरणा लेते हैं।
उनकी उपस्थिति इस कार्यक्रम को और अधिक पवित्र एवं प्रेरणादायक बनाएगी।
नवयुगलों के जीवन में शुभारंभ का क्षण
इस सम्मेलन में वैदिक मंत्रों के साथ सभी 11 जोड़ों का विवाह संस्कार सम्पन्न कराया जाएगा।
सभी वर-वधू अपने जीवन के नए अध्याय की शुरुआत समाज के आशीर्वाद और संतों की उपस्थिति में करेंगे।
पंडितों की टीम द्वारा वैदिक रीति से मंत्रोच्चार के साथ अग्नि साक्षी के रूप में विवाह संस्कार होंगे।
प्रत्येक जोड़े को समाज की ओर से गृहस्थ जीवन के प्रारंभ हेतु आवश्यक सामग्री, वस्त्र, बर्तन एवं धार्मिक साहित्य भेंटस्वरूप प्रदान किया जाएगा।
धार्मिक और सामाजिक उद्देश्य
आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य केवल विवाह संपन्न कराना नहीं, बल्कि समाज में समानता, सादगी और संस्कार का संदेश देना भी है।
आज के युग में जब विवाह समारोह खर्चीले और दिखावे के प्रतीक बन चुके हैं, ऐसे में सामूहिक विवाह समाज में नई दिशा दिखाते हैं।
इससे न केवल आर्थिक बोझ घटता है, बल्कि समाज में सहयोग और आत्मीयता की भावना भी बढ़ती है।
आयोजन समिति का मानना है कि सामूहिक विवाह “धर्म और सेवा का संगम” है — जहां परंपरा, संस्कार और सहकार एक साथ आते हैं।
समाज बंधुओं से अपील
आयोजन समिति ने सभी समाजबंधुओं से अनुरोध किया है कि वे इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में सपरिवार उपस्थित होकर धर्मलाभ प्राप्त करें।
समिति ने कहा —“हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हमें हमारे समाज की महान विभूतियों के दर्शन एवं आशीर्वाद का अवसर प्राप्त हो रहा है।
अतः आप सभी से विनम्र निवेदन है कि अधिक से अधिक संख्या में पधारें, नवयुगल जोड़ों को आशीर्वाद दें, और इस पुण्य अवसर का हिस्सा बनें।”
सांस्कृतिक एवं भजन संध्या कार्यक्रम
विवाह से पूर्व शाम को समाज द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें समाज के प्रतिष्ठित भजन गायकों और कीर्तन मंडलियों द्वारा भक्ति रस की प्रस्तुति दी जाएगी।
“जय श्री राम”, “हर हर महादेव”, “गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो” जैसे भजनों से वातावरण भक्तिमय बन जाएगा।
इसके अतिरिक्त, समाज के बालक-बालिकाओं द्वारा संस्कार गीत, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य नई पीढ़ी में धर्म, संस्कृति और परंपरा के प्रति गर्व एवं आस्था की भावना उत्पन्न करना है।
भामाशाहों का विशेष योगदान
सामूहिक विवाह आयोजन समाज के भामाशाहों के सहयोग से ही संभव हो पाया है।कई दानवीर समाजसेवियों ने विवाह सम्मेलन के लिए आर्थिक एवं सामग्री सहयोग प्रदान किया है —किसी ने भंडारे की व्यवस्था की है, तो किसी ने विवाह सामग्री या कन्याओं के वस्त्र भेंट किए हैं।
आयोजन समिति ने सभी भामाशाहों का हृदय से आभार व्यक्त किया है और कहा है कि उनका यह सहयोग समाज के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।
धर्म, सेवा और संस्कार का संदेश
यह सामूहिक विवाह सम्मेलन समाज को यह सिखाता है कि सच्चा सुख दिखावे में नहीं, बल्कि संस्कार और सादगी में है।
सामूहिक विवाह समाज के कमजोर वर्गों के लिए नई उम्मीद बनकर सामने आता है।
ऐसे आयोजन समाज के अंदर भाईचारे, सहयोग और प्रेम की भावना को बढ़ाते हैं।
आयोजन समिति ने कहा —हमारा उद्देश्य है कि कोई भी बेटी केवल आर्थिक स्थिति के कारण विवाह से वंचित न रहे।समाज जब साथ आता है, तो हर कार्य संभव हो जाता है।”
भव्य समापन समारोह
विवाह के पश्चात आशीर्वाद समारोह आयोजित होगा, जिसमें सभी अतिथिगण नवविवाहित जोड़ों को मंगलकामनाएं देंगे।कार्यक्रम के समापन पर सामूहिक भोज (प्रसादी) का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों समाजबंधु सम्मिलित होंगे।संपूर्ण आयोजन “समरसता, सादगी और संस्कार” की मिसाल बनेगा।




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