एक भी मिलावट खोर नहीं पकड़ा और न ही किसी कृषि इंस्पेक्टर पर कार्यवाही हुई, लेकिन राज्य और केंद्र की सरकार की बदनामी 100 प्रतिशत हो गई।
जयपुर।केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री जेपी नड्डा के जयपुर आने से एक दिन पहले मंत्री किरोड़ी की छापा मार किस साजिश की ओर इशारा कर रही है।
यदि सैम्पल ही लेने थे तो फिर इतना हंगामा क्यों?
30 मई को राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने अजमेर के किशनगढ़ क्षेत्र की खाद फैक्ट्रियों पर छापा मार कार्यवाही की और यह दावा किया कि इन फैक्ट्रियों में मिलावटी खाद बनाई जा रही है। किशनगढ़ की फैक्ट्रियों में तैयार होने वाली खाद देश के प्रतिष्ठित ब्रांड है, जिन्हें राजस्थान सहित देश के 16 राज्यों में बेचा जा रहा है। इस मिलावटी खाद की वजह से गरीब किसान की भूमि बंजर हो रही है। कृषि मंत्री के दावे के बाद कांग्रेस ने राजस्थान की भजनलाल शर्मा और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को किसान विरोधी बता दिया। लेकिन अब यह छापामार कार्यवाही खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। मंत्री मीणा ने 30 मई को जो कार्यवाही की उसे 3 जून को पांच दिन हो गए, लेकिन अभी तक भी किसी भी फैक्ट्री मालिक की गिरफ्तारी नहीं हुई है और न ही कृषि विभाग के किसी इंस्पेक्टर तक को निलंबित किया गया है। अब छापा मारने वाले कृषि मंत्री का कहना है कि फैक्ट्रियों से सैम्पल लिए गए है। इन सैंपलों की जांच के बाद कार्यवाही होगी। सवाल उठता है कि जब फैक्ट्रियों से खाद के सैम्पल ही लेने थे तो फिर इतना हंगामा क्यों किया गया? मंत्री किरोड़ी मीणा माने या नहीं लेकिन उनकी इस कार्यवाही से भाजपा की राज्य और केंद्र सरकार की सौ प्रतिशत बदनामी हुई है। मीडिया में ऐसा प्रसारित हुआ कि इफको जैसी संस्था भी किसानों को मिलावटी खाद बेच रही है। इफको के साथ साथ सरताज, उत्तम, संगम, सीएमएस आदि नामी कंपनियों की खाद पर भी लांछन लगाया गया। मंत्री किरोड़ी ने अपनी ही सरकार की बदनामी वाला काम 30 मई को तब किया, जब 31 मई को केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री (भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष) जेपी नड्डा जयपुर आए। 31 मई को जब नड्डा जयपुर में थे, तब अखबारों की हैडलाइन मिलावटी खाद को लेकर थी। मिलावटी खाद का मामला जेपी नड्डा के अधीन आने वाले उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय से भी जुड़ा हुआ है। यह बात अलग है कि 31 मई को दिन भर कई कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद भी नड्डा ने मिलावटी खाद के मामले में कोई टिप्पणी नहीं की। किरोड़ी मीणा की छापामार कार्यवाही का इसलिए भी महत्व है कि किशनगढ़ अजमेर संसदीय क्षेत्र में आता है और अजमेर के सांसद केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी है। अपनी ही प्रदेश सरकार के मंत्री मीणा की कार्यवाही पर केंद्रीय मंत्री ने भी कहा कि दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। हालांकि कृषि विभाग ने संबंधित फैक्ट्रियों और उनके संचालकों के विरुद्ध नामजद मुकदमा किशनगढ़ क्षेत्र के दो पुलिस थानों में दर्ज करवा दिया है, लेकिन पुलिस भी जब्त सैम्पलों के परिणाम का इंतजार कर रही है। माना जा रहा है कि सैम्प की जांच का परिणाम आने में कम से कम छह माह लग जाएंगे। वही फैक्ट्री संचालकों का कहना है कि उनके पास खाद बनाने का लाइसेंस है और सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुरूप ही खाद बनाई जा रही है। भले ही कृषि मंत्री ने स्वयं छापा मारा हो, लेकिन इस मामले में अभी तक कृषि विभाग के किसी बड़े अधिकारी का कोई बयान सामने नहीं आया है। अभी तक अजमेर स्थित कृषि विभाग की सहायक निदेशक अनुप्रिया यादव का बयान ही आया है। जो छापा खुद कृषि मंत्री ने मारा हो उस मामले में विभाग की ओर से एक जिले की सहायक निदेशक स्तर के अधिकारी के जवाब से छापा मार कार्यवाही की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। कृषि मंत्री कीणा भले ही यह दावा कर रहे हो कि मिलावटी खाद देशभर में सप्लाई हो रही है, लेकिन इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। यहां यह खासतौर से उल्लेखनीय है कि किरोड़ी मीणा ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे रखा है। मुख्यमंत्री ने अभी तक इस्तीफे को राज्यपाल के पास नहीं भेजा है।
इन फैक्ट्रियों में हुई कार्यवाही
अतिशय बायोटेक इंडस्ट्रीज लि, किशनगढ़ कमला बायो ऑर्गेनिक्स इंडस्ट्रीज लि, किशनगढ़ सिस्टम इंडिया प्राइवेट लि, किशनगढ़ राघव एग्रो इंडस्ट्रीज, किशनगढ़ ट्रॉपिकल एग्रो श्री गोवर्धन एग्रो किशनगढ़, दिव्या एग्रो फर्टिलाइजर इंडस्ट्रीज नालू, किशनगढ़ भूमि एग्रो इंडस्ट्रीज, किशनगढ़ श्रीनाथ एग्रो इंडस्ट्रीज, किशनगढ़ एशिया डोन बायोकेयर, जयपुर वृद्धि जल एग्रो टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, ग्रीन एग्रो इंड्रीज बांदरसिंदरी, आदित्य ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर, श्रीराम फर्टिलाइजर्स, पतंजलि एग्रो, कोरोमंडल फर्टिलाइजर, मैसर्स सोइलटेक फर्टिलाइजर श्रीगंगानगर, मंगलदीप बायो फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स, ए मनीष अग्रवाल व मंगल सिंह आदि दो अन्य कंपनियां पर कार्यवाही की गई।
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