उदयपुर।पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता डॉ. गिरिजा व्यास का मंगलवार को निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती थीं, जहां उनका इलाज चल रहा था। 80 वर्षीय डॉ. व्यास ने आखिरी सांस ली, जिससे पूरे राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
सूत्रों के अनुसार, डॉ. व्यास अपने घर पर पूजा कर रही थीं, जब एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हो गया। पूजा के दौरान दीपक की लौ से उनकी साड़ी का पल्लू आग की चपेट में आ गया। जब तक परिवार के सदस्य कुछ समझ पाते, तब तक वे बुरी तरह झुलस चुकी थीं। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद अहमदाबाद रेफर किया गया।
डॉक्टरों ने बताया कि डॉ. व्यास करीब 90 प्रतिशत जल चुकी थीं, और उनकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई थी। कई दिन तक वेंटिलेटर पर रखने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। अंततः मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
डॉ. गिरिजा व्यास का राजनीतिक जीवन बेहद समृद्ध और प्रेरणादायक रहा है। वे न केवल राजस्थान विधानसभा की सदस्य रहीं, बल्कि लोकसभा में भी जनता की आवाज बनीं। उन्होंने महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में भी केंद्र सरकार में सेवाएं दीं। वे राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं और महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के मुद्दों पर उनकी स्पष्ट सोच और कार्य हमेशा सराहे गए।
राजनीति के अलावा वे एक शिक्षाविद् और कवयित्री भी थीं। साहित्य के प्रति उनका लगाव जीवनभर बना रहा। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखीं जिनमें महिलाओं के मुद्दों पर केंद्रित कविताएं और लेख शामिल हैं।
उनके निधन पर कांग्रेस पार्टी सहित कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अशोक गहलोत समेत अनेक नेताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पर दुख जताते हुए लिखा कि डॉ. गिरिजा व्यास का सार्वजनिक जीवन प्रेरणास्पद था और उन्होंने समाज के लिए अनेक कार्य किए।
उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया बुधवार को उनके गृह नगर उदयपुर में संपन्न होगी। राजस्थान सरकार ने उनके सम्मान में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
डॉ. व्यास के निधन से भारतीय राजनीति को एक समर्पित और संवेदनशील नेता की क्षति हुई है, जिसकी भरपाई कर पाना मुश्किल है। वे हमेशा महिलाओं, गरीबों और वंचितों की आवाज बनी रहीं और उनके द्वारा किए गए कार्य उन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनाकर जीवित रखेंगे।
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