जयपुर। राजधानी जयपुर के हरमाड़ा थाना क्षेत्र में रविवार देर रात लोहा मंडी कट के पास दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। हादसे में 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों में एक मासूम बच्चा भी शामिल है। हादसे की सूचना मिलते ही हरमाड़ा थाना पुलिस, एम्बुलेंस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और घायलों को त्वरित रूप से अस्पताल भेजा गया।
जानकारी के अनुसार, देर रात राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर लोहा मंडी कट के समीप एक ट्रेलर और यात्री वाहन में जोरदार भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि यात्री वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और उसमें सवार कई लोग मौके पर ही दम तोड़ बैठे। आसपास के लोगों ने तुरंत पुलिस और आपातकालीन सेवाओं को सूचना दी। मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
पुलिस और राहत दल ने घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों को बाहर निकाला और एम्बुलेंस की मदद से उन्हें एसएमएस (सवाई मानसिंह) अस्पताल और कांवटिया अस्पताल भेजा। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, 6 घायलों को एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि 4 शवों को कांवटिया अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। बताया जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कुछ घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है।
हादसे की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत चिकित्सा व्यवस्था को सक्रिय कर दिया। एसएमएस अस्पताल से न्यूरो सर्जन, ऑर्थोपेडिशियन और जनरल सर्जन की टीम को विशेष रूप से कांवटिया अस्पताल भेजा गया ताकि घायलों का समय पर इलाज हो सके। अस्पताल प्रशासन ने भी रातभर इमरजेंसी वार्डों में विशेष प्रबंधन किया।
घटना की सूचना पर जयपुर के कई आला अधिकारी और पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। फिलहाल पुलिस ने दोनों वाहनों को जब्त कर लिया है और हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। प्राथमिक जानकारी में यह सामने आया है कि तेज रफ्तार और ओवरटेक करने के दौरान यह हादसा हुआ।
स्थानीय लोगों ने बताया कि लोहा मंडी कट पर अक्सर भारी वाहनों की आवाजाही रहती है और कई बार सड़क पर पर्याप्त रोशनी व संकेत बोर्डों की कमी के कारण दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। लोगों ने इस कट पर ट्रैफिक व्यवस्था और सुरक्षा उपायों को सख्त करने की मांग की है।
इस दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने शवों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है और परिजनों को सूचित किया जा रहा है। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा मानकों और निगरानी व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।

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